सुरक्षा बलों को मिली बड़ी सफलता, दो कुख्यात नक्सली गिरफ्तार, हथियार व आईईडी बरामद
महिला दस्ते के शोषण का हुआ खुलासा



Tilak Kumar Verma
चाईबासा। रविवार को पश्चिमी सिंहभूम जिले के पुलिस अधीक्षक राकेश रंजन ने प्रेस वार्ता कर जानकारी दी कि सिंहभूम जिले में माओवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान में झारखंड पुलिस और कोबरा 209 बटालियन को बड़ी कामयाबी मिली है। संयुक्त कार्रवाई में पुलिस ने सारंडा जंगल से दो कुख्यात नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए नक्सलियों की पहचान सब जोनल कमेटी सदस्य संदीप उर्फ हिडिमा पाडेयाम (बीजापुर, छत्तीसगढ़) और एरिया कमेटी सदस्य शिवा बोदरा उर्फ शिबु (जोजोडीह, सरायकेला) के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर शुरू किए गए अभियान में दोनों नक्सली हथियारों और विस्फोटक सामग्रियों के साथ पकड़े गए। बरामदगी में पिस्टल, 11 कारतूस, 2 मैगजीन, 2 वॉकी-टॉकी, 5 डेटोनेटर और आईईडी बनाने का सामान शामिल है। जांच के दौरान नक्सलियों ने संगठन की अंदरूनी काली सच्चाई का भी खुलासा किया। उन्होंने बताया कि केंद्रीय कमेटी का सदस्य अनल उर्फ रमेश लंबे समय से महिला दस्ते का यौन शोषण करता रहा है। कई महिला सदस्यों के साथ दुष्कर्म कर उन्हें गर्भवती कर दिया गया और बाद में जबरन गर्भपात भी कराया गया। यह खुलासा नक्सल संगठन के अमानवीय चेहरे को उजागर करता है।गिरफ्तार नक्सलियों पर 40 से अधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, विस्फोट और पुलिस पर हमले शामिल हैं। ये दोनों पिछले एक दशक से झारखंड में सक्रिय थे और सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर बड़ी घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं।पुलिस अधीक्षक राकेश रंजन ने कहा कि नक्सली यदि हिंसा छोड़कर आत्मसमर्पण करते हैं तो राज्य सरकार उन्हें पुनर्वास और महत्वपूर्ण सुविधाएं उपलब्ध कराती है। उन्होंने नक्सलियों से अपील की कि वे गलत रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटें और अपने जीवन को सुखमय बनाएं। उल्लेखनीय है कि सारंडा और कोल्हान क्षेत्र में अब भी माओवादी शीर्ष नेता मिसिर बेसरा, अनमोल, मोछु, असीम मंडल, अजय महतो, सागेन अंगरिया और अश्विन अपने दस्ते के साथ सक्रिय हैं। इनके खिलाफ पुलिस, कोबरा, सीआरपीएफ और झारखंड जगुआर की संयुक्त कार्रवाई लगातार जारी है।