जन समस्याओं पर गरजे पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, डीआरएम व जीएम को तत्काल सस्पेंड करने की उठाई मांग, सड़क और योजनाओं पर भी साधा निशाना



तिलक वर्मा/चाईबासा। पश्चिमी सिंहभूम की जनता की लगातार बढ़ती समस्याओं को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने शुक्रवार को जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि जिले की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। सड़कें जर्जर हैं, विकास योजनाएँ अधूरी पड़ी हैं, दुर्घटनाएँ बढ़ रही हैं और ऊपर से रेलवे की लेटलतीफ सेवाओं ने यात्रियों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। मधु कोड़ा ने चक्रधरपुर रेल मंडल और कोलकाता मुख्यालय के अधिकारियों पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि डीआरएम चक्रधरपुर और कोलकाता के जीएम को तत्काल सस्पेंड किया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि इन अधिकारियों की लापरवाही और मिलीभगत के कारण ट्रेनें लगातार घंटों की देरी से चल रही हैं। यात्रियों को स्टेशन पर घंटों फंसा रहना पड़ता है। छात्र परीक्षा छूटने से परेशान हैं, मरीज समय पर अस्पताल नहीं पहुँच पा रहे हैं और नौकरीपेशा लोग कार्यालय में देर से पहुँच रहे हैं। उन्होंने कहा रेल प्रशासन जनता की परेशानी से बेखबर है। जब तक जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, ट्रेनों का संचालन समय पर नहीं हो सकता। हम पार्टी स्तर से इसकी शिकायत करेंगे और सीधे रेल मंत्री को पत्र लिखेंगे। जरूरत पड़ी तो जनता को साथ लेकर आंदोलन करेंगे। रेलवे मुद्दे के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री ने जिले की सड़क व्यवस्था पर भी सवाल उठाया।

उन्होंने कहा कि चाईबासा समेत विभिन्न प्रखंडों की सड़कें गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं। बरसात में कीचड़ और धूल भरे रास्तों से ग्रामीणों की जिंदगी बेहाल हो रही है। कई सड़क योजनाएँ वर्षों से अधूरी पड़ी हैं, जिनका काम भ्रष्टाचार और लापरवाही के कारण समय पर पूरा नहीं हो रहा है। श्री कोड़ा ने हाल के दिनों में जिले में बढ़ती दुर्घटनाओं और घटनाओं को भी गंभीर चिंता का विषय बताया। उन्होंने कहा कि सड़क पर गड्ढे और सड़कों की मरम्मत न होने के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं। वहीं स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत भी दयनीय है। शिक्षा व्यवस्था पर भी उन्होंने सवाल उठाए। कहा कि प्राथमिक विद्यालयों में न तो पर्याप्त शिक्षक हैं और न ही बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल पा रही है। गरीब और आदिवासी परिवारों के बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़कर जनता की आँखों में धूल झोंक रही हैं। योजनाएँ कागजों में सिमटकर रह गई हैं और जनता बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। उन्होंने तीखे अंदाज में कहा कि जनता को सड़क चाहिए, रोजगार चाहिए, समय पर ट्रेन चाहिए और सम्मानजनक जीवन चाहिए। अगर सरकारें यह नहीं दे पा रही हैं तो जनता अब चुप नहीं बैठेगी। पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और रेलवे सेवाओं में सुधार नहीं हुआ तो वे जनता के साथ मिलकर बड़े आंदोलन की शुरुआत करेंगे। उन्होंने कहा कि जनता के धैर्य की परीक्षा लेना सरकार को भारी पड़ेगा।