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उलीडीह पुलिस की गुंडागर्दी के खिलाफ पत्रकारों में आक्रोश,जब पत्रकार सुरक्षित नहीं थाने मे तो आम जनता करती होंगी त्राहिमाम?

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जमशेदपुर;झारखंड सरकार की उदासीनता के कारण अब पत्रकार भी सुरक्षित नहीं रह गए हैं। भारत के चौथे स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकारों पर पुलिस तक हमला करने से नहीं चूक रही है। ताज़ा मामला जमशेदपुर के उलीडीह थाना क्षेत्र से सामने आया है, जहाँ दो पत्रकारों के साथ थाने में गाली-गलौज की गई और उन्हें लाठी से पीटकर बैठा दिया गया।इसमें पत्रकारों की गलती सिर्फ इतनी थी कि पत्रकार अपना कार्य करने के लिए उलीडीह थाना गए थे जहां एक घटना की जानकारी लेने पहुंचे थे पहले तो पत्रकारों के साथ बदसलूकी की गई उसके बाद एसआई मुकेश दुबे ने 2 पत्रकार की लाठी और डंडे से पिटाई कर दी और गंदी गंदी गालियां देने लगे जब पत्रकार अपनी गलती पूछने लगे तो कानून का हवाला दे कर उन दोनों का सिरिस्ता में बैठा दिया गया जिसके बाद घटना की जानकारी जैसे ही स्थानीय पत्रकारों को मिली, वैसे ही पत्रकारों में रोष फैल गया और थाना परिसर में भारी संख्या में पत्रकार जुट गए आपको बता दे कि उलीडीह में कई गैर कानूनी गतिविधियां चलती रहती है जिस पर कोई कार्यवाही नहीं होती कुछ दिनों पहले ही उलीडीह थाना क्षेत्र में खुले आम मटका जुआ गली गली में चल रहा था जिस पर अब तक न तो किसी की गिरफ्तारी हुए है और न ही कोई एक्शन लिया गया लेकिन पत्रकार जो कि इस देश का चौथा स्तंभ है उसके सवाल पूछने पर लाठी डंडे से उसकी पिटाई कर दी जाती है

फिलहाल पत्रकारों ने थाना के एसआई मुकेश दुबे की गुंडागर्दी के खिलाफ जमकर विरोध जताया और इस पूरे मामले की सूचना जिला पुलिस कप्तान पियूष पांडेय तक पहुंचाई

मामले को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद पत्रकारों ने उलीडीह थाना में एसआई मुकेश दुबे के खिलाफ लिखित आवेदन सौंपा

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