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शहीद दिवस के अवसर पर अपने पैतृक गाँव सुखपुरा में सुखपुरा रत्न सम्मान से सम्मानित हुए सुशील कुमार सिंह

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सेवा की कोई सीमा नहीं होती। सैनिक परिवार एवं समाज की निरंतर सेवा के फलस्वरुप सोशल मीडिया से निरंतर मिलने वाली जानकारी के प्रतिफल स्वतंत्रता शहीद स्मारक संस्थान के पदाधिकारीयों ने पूर्व सैनिक सुशील कुमार सिंह को समाज के क्षेत्र में निरंतर योगदान को देखते हुए ग्राम वासियों को दिए जाने वाले सम्मान में शामिल कर सुखपुरा रत्न सम्मान प्रदान किया गया। सुशील कुमार सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश बलिया जिला के सुखपुरा गॉंव में हुआ था। शिक्षा दीक्षा सुखपुरा में होने के बाद 1992 में भारतीय नौसेना में भर्ती हुए एवं 15 साल 13 दिन के सफल कार्यकाल के पश्चात 31 जनवरी 2008 को सेवानिवृति के बाद जमशेदपुर में आये। सेवानिवृति के बाद से ही लगातार समाज में उनकी सक्रियता दिन पर दिन नित्य नए मुकाम स्पर्श कर रहा है। आज उसी क्रम में सन 1942 में देश का पहला जिला जो भारत छोड़ो आंदोलन में अपनी वीरता के कारण अंग्रेजों से आजादी पा चुका था। और उसी समय से बलिया जिले के नाम के साथ बागी शब्द जुड़ गया। उन्हीं शहीदों के सम्मान में हर बर्ष 23 अगस्त को सुखपुरा में शहीद दिवस मनाया जाता है। और शहीद परिवार प्रतिभा सम्मान के साथ साथ समाज मे बेहतर योगदान देने वाले ग्रामवासियों को सुखपुरा रत्न सम्मान दिया जाता है। इसी क्रम में सुशील कुमार सिंह पूर्व नौसैनिक को आज जिले के राजनीतिक सामाजिक एवं ग्राम सभा के सम्मानित अतिथियों की उपस्थिति में सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन ग्राम वासी उमेश सिंह सुखपुरा के ग्राम प्रधान अभिमन्यु चौहान एवं स्वतंत्रता शहीद स्मारक संस्थान के पदाधिकारीयों के सहयोग से संपन्न हुआ। सुशील कुमार सिंह ने कहा कि इस तरह के सम्मान से ग्राम वासियों में अपने जीवन में बेहतर करने का प्रेरणा मिलता है।

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