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बसंती दस्तार और बसंती ओढ़नी धारण कर पुष्पवर्षा के साथ साकची की संगत करे नगरकीर्तन का स्वागत : निशान सिंह

शहीदी नगर कीर्तन के सम्मान में नूरानी हो उठेगा साकची गुरुद्वारा का डयोढ़ी साहिब

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जमशेदपुर। हिन्द की चादर, सिखों के नवम गुरु श्री तेग बहादुर जी के 350वें बलिदान दिवस को समर्पित शहीदी नगर कीर्तन आगमन के स्वागत की तैयारियां जोश और श्रद्धा के साथ अपने चरम पर हैं। इस पवित्र अवसर पर साकची गुरुद्वारा की डयोढ़ी साहिब रंगबिरंगी रोशनी से नूरानी (प्रकाशमय) हो कर माहौल को और भी भक्तिमय व अलौकिक बना देगा।

शनिवार की शाम को गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी, साकची के प्रधान निशान सिंह ने एक बयान जारी कर आह्वान किया है कि साकची की संगत बसंती दस्तार और बसंती ओढ़नी धारण कर पुष्पवर्षा करते हुए गुरु साहब की पालकी साहिब का स्वागत कर गुरु महाराज की खुशियाँ प्राप्त करें। सरदार निशान सिंह ने कमिटी के सभी सदस्यों से भी आह्वान किया कि वे शाम के वक्त ससमय गुरुद्वारा पहुँचें ताकि पुष्पवर्षा के साथ गुरु साहब को रुमाला भेंट कर सकें। यह क्षण संगत के लिए गुरु जी के प्रति श्रद्धा, प्रेम और समर्पण का प्रतीक होगा।

इस शहीदी नगर कीर्तन में साकची की संगत के साथ-साथ दूर-दराज से आए श्रद्धालु भी भाग लेंगे। डयोढ़ी साहिब की रंगबिरंगी रोशनी और शबद कीर्तन की मधुर ध्वनि वातावरण को दिव्य और भक्तिपूर्ण बना देंगी। निशान सिंह ने कहा-यह उत्सव न केवल सिख समुदाय का बल्कि समस्त मानवता के लिए गुरु जी के संदेश—सत्य, सेवा और बलिदान को फैलाने का अवसर है।

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