जमशेदपुर में दो दिवसीय राष्ट्रीय मजदूर सेमिनार आयोजित, श्रमिक कल्याण व अधिकारों पर हुई गंभीर चर्चा


जमशेदपुर : इंडियन नेशनल स्टील, मेटल, माइंस एंड इंजीनियरिंग एम्प्लाइज फेडरेशन (INSMEEF) के तत्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन जमशेदपुर स्थित माइकल जॉन ऑडिटोरियम में किया गया। इस सेमिनार में देशभर के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों से जुड़े मजदूर संगठन, यूनियन प्रतिनिधि और पदाधिकारी बड़ी संख्या में शामिल हुए। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी. सब्जीवा रेड्डी उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में मजदूरों की समस्याओं पर गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि वर्तमान समय में औद्योगिक क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें न्यूनतम मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा, कार्यस्थल पर सुरक्षा मानकों की कमी और महंगाई का दबाव प्रमुख हैं। रेड्डी ने कहा कि मजदूरों के कल्याण और अधिकारों की रक्षा तभी संभव है जब सभी यूनियन आपसी मतभेद भुलाकर एकजुट होकर संघर्ष करें। उन्होंने कहा कि सरकार और उद्योग प्रबंधन के सामने मजदूरों की मांगों को तभी मजबूती से रखा जा सकता है, जब श्रमिक संगठनों की आवाज एक हो। सेमिनार के पहले दिन कई महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत विचार-विमर्श हुआ,
मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी और महंगाई भत्ता बढ़ाने की आवश्यकता।नई श्रम संहिता (Labour Code) और उसका श्रमिकों पर पड़ने वाला असर।निजीकरण और कॉरपोरेटाइजेशन के कारण सार्वजनिक क्षेत्र (PSUs) के कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा।कार्यस्थल पर सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करने की जरूरत।महिला मजदूरों की सुरक्षा और समान अवसर। यह सेमिनार न केवल मजदूर संगठनों के बीच आपसी संवाद का मंच बना, बल्कि आने वाले दिनों में मजदूर आंदोलन की दिशा तय करने में भी महत्वपूर्ण साबित होगा। प्रतिनिधियों ने इस बात पर जोर दिया कि मजदूरों को संगठित करने और उनकी आवाज सरकार तक पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक साझा रणनीति बनानी होगी। देशभर से आए प्रतिनिधियों ने अपने-अपने अनुभव साझा किए और विभिन्न क्षेत्रों में मजदूरों की स्थिति पर प्रकाश डाला। झारखंड, बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश से आए यूनियन नेताओं ने इस सम्मेलन को और भी सार्थक बना दिया।