


तिलक कुमार वर्मा
चाईबासा। जिले में शराब की दुकानों पर उपभोक्ताओं से खुलेआम लूट जारी है। शराब दुकानदार प्रिंटेड मूल्य से कहीं अधिक कीमत वसूल रहे हैं। उपभोक्ता जब दुकानदार से इसका विरोध करते हैं तो उन्हें यह कहकर चुप करा दिया जाता है कि सरकारी रेट यही है। स्थानीय ग्राहकों ने बताया कि शराब की बोतल और क्वार्टर पर प्रिंट रेट साफ-साफ अंकित रहता है, लेकिन दुकानदार जबरन अधिक कीमत वसूल रहे हैं। उदाहरण स्वरूप, एक क्वार्टर शराब की कीमत ₹170 प्रिंटेड है, जबकि दुकानदार ग्राहकों से ₹200 वसूल रहे हैं। यानी प्रति क्वार्टर पर ₹30 की अतिरिक्त वसूली। अगर सरकार द्वारा मूल्य बढ़ा दी गई है तो नई प्रिंट के हिसाब से नया मूल्य लेना चाहिए। यह स्थिति उपभोक्ताओं के लिए न केवल आर्थिक बोझ है, बल्कि यह सीधे-सीधे सरकार के नियमों की धज्जियां उड़ाने जैसा है। उपभोक्ताओं ने बताया कि जब वे दुकानदार से इस बारे में सवाल करते हैं, तो उन्हें धमकाया जाता है और कहा जाता है कि यही असली रेट है, नहीं लेना है तो छोड़ दीजिए। ऐसे हालात में गरीब और मध्यमवर्गीय उपभोक्ता खुद को लाचार महसूस कर रहे हैं।गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा शराब की बिक्री के लिए तय रेट लिस्ट जारी की जाती है, साथ ही बोतलों पर एमआरपी अंकित होना अनिवार्य है। ऐसे में प्रिंट रेट से अधिक वसूली करना सीधे तौर पर अवैध और दंडनीय अपराध है। इसके बावजूद चाईबासा के कई दुकानों पर यह खेल धड़ल्ले से चल रहा है। स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन और उत्पाद विभाग से इस पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यदि तुरंत कदम नहीं उठाए गए तो यह लूट निरंतर जारी रहेगी और आम उपभोक्ताओं को मजबूरी में लुटना पड़ेगा। चाईबासा के ग्राहकों ने अपील की है कि ऐसे दुकानदारों पर छापेमारी कर कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि उपभोक्ताओं को प्रिंटेड मूल्य पर ही शराब उपलब्ध हो सके।