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चार दिवसीय वैश्विक प्रदर्शनी में भारत अपनी खनन क्षमता प्रदर्शित करेगा

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रांची। खनन, धातु एवं संबद्ध उद्योगों की चार दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी-सह-सम्मेलन 30 अक्टूबर, 2025 से कोलकाता में आयोजित हो रही है, इस अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी-सह-सम्मेलन में अर्जेंटीना में हाल ही में अधिग्रहीत पाँच लिथियम ब्लॉकों से दुर्लभ मृदा खनिजों के निष्कर्षण हेतु भारत की पहल पर विस्तार से चर्चा होने की संभावना है। इस कार्यक्रम में कई देश और राज्य स्तरीय प्रतिनिधिमंडलों के आने और कम से कम 25,000 आगंतुकों के आने की उम्मीद है। इसका उद्देश्य भारत को खनन और विनिर्माण, विशेष रूप से महत्वपूर्ण खनिजों और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्रों में, एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने पर अधिक ध्यान केंद्रित करना है। यह प्रदर्शनी, जिसका उद्देश्य घरेलू विनिर्माण क्षमताओं के अलावा खनन और धातु उद्योग के विकास को बढ़ावा देने हेतु निवेश आकर्षित करना है, कोल इंडिया के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक पीएम प्रसाद के इस संबंध में पूर्व में दिए गए बयान के मद्देनजर महत्वपूर्ण है। हालाँकि यह कदम दुर्लभ मृदा धातुओं के निर्यात पर चीनी प्रतिबंधों को हटाने के लिए भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया‘ पहल के साथ पूरी तरह से मेल खाता है, इस कार्यक्रम में केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री, जी. किशन रेड्डी की उपस्थिति, दुर्लभ मृदा खनिजों के वैकल्पिक स्रोतों की भारत की खोज को और महत्वपूर्ण बना देगी। भारत की इस्पात मांग, जिसके 2025 में 8 से 9 प्रतिशत की प्रभावशाली दर से बढ़ने का अनुमान है, घरेलू इस्पात उद्योग के लिए एक मज़बूत प्रगति को दर्शाती है। श्री प्रसाद के अनुसार, अर्जेंटीना और ऑस्ट्रेलिया से क्रमशः प्राप्त होने वाले लिथियम और महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉक स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इस प्रदर्शनी और कार्यक्रमों को कोयला, खान, इस्पात मंत्रालय, भारत सरकार, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और कोल इंडिया लिमिटेड और ऑस्ट्रेड, वीडीएमए, रूसी संघ, आईआरएमआरआई, इंसडाग, एआईएआई आदि जैसे संगठनों द्वारा समर्थित किया जा रहा है।

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