जमशेदपुर एमजीएम अस्पताल में दवाइयों की कमी और कर्मचारियों के चक्कर से मरीज परेशान


जमशेदपुर। शहर के प्रतिष्ठित एमजीएम सरकारी अस्पताल में दवाइयों की कमी और कर्मचारियों द्वारा मरीजों को बार-बार वार्ड से वार्ड भटकाने की शिकायतें सामने आ रही हैं। छोटे बच्चों और बुजुर्ग मरीजों के लिए आवश्यक दवाइयां अक्सर अस्पताल में उपलब्ध नहीं होतीं। इससे मरीजों और उनके परिजनों को गंभीर असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल के कर्मचारियों की अव्यवस्था के कारण मरीज बार-बार एक वार्ड से दूसरे वार्ड भेजे जाते हैं और किसी से संपर्क नहीं हो पाता। इससे मरीजों के लिए उपचार और दवा प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है। परिजनों ने बताया कि इस चक्कर की वजह से मरीजों की स्वास्थ्य देखभाल प्रभावित हो रही है और उनकी परेशानियां बढ़ रही हैं। झारखंड सरकार और स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने हमेशा अपने स्वास्थ्य विभाग में तत्परता और सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का दावा किया है। बावजूद इसके, एमजीएम अस्पताल में हजारों लोग विश्वास करके स्वास्थ्य सेवा लेने आते हैं। यदि मरीजों को इसी तरह बार-बार चक्कर काटने पड़ें और दवाइयां समय पर उपलब्ध न हों, तो उनका स्वास्थ्य गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि सरकारी अस्पतालों में दवाइयों की पर्याप्त आपूर्ति न होना और कर्मचारियों द्वारा असंगठित व्यवहार मरीजों में असंतोष पैदा करता है। छोटे बच्चों के लिए आवश्यक दवाइयों की अनुपलब्धता से उनके उपचार में देरी होती है, जिससे उनकी स्थिति बिगड़ सकती है। परिजनों और मरीजों की चिंता यह भी है कि यदि दवाइयां उपलब्ध न हों तो मरीज अपना स्वास्थ्य परीक्षण और उपचार कैसे कर पाएंगे। अस्पताल में यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहने पर जनता का विश्वास कमजोर हो सकता है। एमजीएम अस्पताल में मरीजों की बढ़ती संख्या और दवाइयों की कमी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग को तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता है। इससे मरीजों को बार-बार चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और उनका समय और स्वास्थ्य दोनों सुरक्षित रहेंगे।