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सिद्धा साहित्यिक संस्थान की से शिक्षक-दिवस शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित 

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जयपुर  : सिद्धा साहित्यिक संस्थान द्वारा शिक्षक-दिवस 2025 पर राजस्थान हॉस्पिटल जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में “ शिक्षक सम्मान समारोह 2025 ( काव्य संध्या )व स्वास्थ्य परिचर्चा “ का आयोजन आ.प्रबोध गोविल निदेशक, उपन्यासकार कथाकार की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। मुख्य अतिथि आ. जगदीश मोहन रावत, विशिष्ट अतिथि जयश्री शर्मा, संरक्षक प्रो. कुसुम शर्मा, संस्थापक ज्ञानवती सक्सैना, प्रमोद वशिष्ठ द्वारा माँ वीणा पाणि के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ ।अनुराधा माथुर द्वारा सुमधुर स्वर में सरस्वती-वन्दना प्रस्तुत कर काव्य-गोष्ठी का आग़ाज़ किया।मंच संचालन में दक्ष कुशल सौम्य मधुर संचालन से डॉ आरती भदौरिया ने सबका मन मोह लिया।

माधुरी शर्मा, मनोरमा माथुर

तदुपरान्त स्वास्थ्य-परिचर्चा में डॉ ममता सैनी Assistant consultant, geriatric medicine ने सीनियर सिटीज़न को होने वाली बीमारियों के कारण और निदान पर विस्तार से चर्चा दी व साठ वर्ष की उम्र में लगने वाली वैक्सीन की लाभकारी जानकारी दी।

संस्थान की संरक्षक प्रो. कुसुम शर्मा ने कहा कि वर्तमान काल में शिक्षक वर्ग युवावर्ग के सर्वांगीण विकास तथा आत्मिक विकास में नैतिक मूल्यों को विशेष रूप से सम्मिलित करें ताकि वे अपने व्यवसाय में पारदर्शिता रखते हुए सामाजिक उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें ।कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि राजस्थान लेखिका साहित्य संस्थान की अध्यक्ष डॉ जय श्री शर्मा ने कहा की शिक्षक को अपनी गरिमा का ध्यान रखते हुए सच के लिए संघर्षरत रहना चाहिए। मुख्य अतिथि जगदीश मोहन रावत से.नि. निदेशक , उपायुक्त जेड आई ई टी चंडीगढ़ ने कहा शिक्षक की साधना जब फली भूत होती है जब उसका शिष्य गुरु के बताए हुए पथ का अनुसरण करता है। उन्होंने समय की सशक्तता पर एक सुंदर गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम अध्यक्ष प्रबोध गोविल जी ने अपने उद्बोधन में कहा निरंतर बढ़ती सामाजिक चेतना और महिलाओं की भूमिका में सकारात्मक परिवर्तन सुखद भविष्य का सूचक है।

स्वयं सिद्धा संस्थान की सदस्या

पुष्पा माथुर, अर्चना माथुर , ज्योत्स्ना सक्सेना, सुशीला शील “स्वयंसिद्धा”, पूजा उपाध्याय, सरोज चौहान, अनुराधा माथुर, उर्वशी चौधरी, शोभा सक्सैना

रेनू वशिष्ठ

रेखा गुप्ता, सावित्री रायज़ादा, अर्चना भटनागर, विमला शर्मा, सलौनी क्षितिज, जीनस कँवर, विमला शर्मा, अर्चना सिंह ‘अना’, रमा भाटी, अनिता सिंह, डॉ शशि मंगल, मनोरमा माथुर, डॉ मोनिका जैन, जीनस कँवर, मनोरमा माथुर, माधुरी शर्मा, आरती भदौरिया, डॉ नीलम कालरा, रजनी मिश्रा, विजय लक्ष्मी जांगिड़, सीमा सक्सैना, शालिनी माथुर, अक्षिणी भटनागर, वर्षा गुप्ता, सीमा लोहिया, डॉ योगिता जोशी, शोभा शर्मा , माधुरी कुमार, ऊषा शर्मा ‘दीपशिखा’, स्नेहलता सहाय, सुमित्रा माथुर, डॉ सुरेश शर्मा, कविता अवस्थी, डॉ आशा शर्मा, डॉ . प्रो. राधा गुप्ता, अविनाश अवस्थी, सुनिता शर्मा, आभा सक्सेना, डॉ विनी शर्मा को अतिथियों द्वारा व माधुरी शर्मा, मनोरमा माथुर, पूजा उपाध्याय, किशोर पारीक, वरुण चतुर्वेदी, वैद्य भगवान सहाय जी वरिष्ठ साहित्यकारों द्वारा समाज व राष्ट्र के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने हेतु “शिक्षक स्वयं सिद्धा साहित्य सम्मान” से सम्मानित किया गया।

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