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किस्मत से मिलती हैं बेटियां, संस्कार गढ़ती हैं बेटियां

बेटियों को समर्पित रही "सृजन संसार" मंच की काव्य गोष्ठी

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रांची। “सृजन संसार” साहित्यिक एवं सांस्कृतिक मंच द्वारा रविवार को मंच के संस्थापक सह अध्यक्ष सदानंद सिंह यादव की छोटी बिटिया तान्या के जन्मदिन पर जवाहरलाल नेहरू कला केंद्र, मेकाॅन कॉलोनी, श्यामली में काव्य-गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें 40 से अधिक कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से बेटियों के सम्मान महत्व और उनके सपनों को उजागर किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ सुरिन्दर कौर नीलम ने की। विशिष्ट अतिथि नेहाल हुसैन सरैयावी,चंद्रिका ठाकुर देशदीप, कला केंद्र की प्राचार्या लिली मुखर्जी थीं। मंच संचालन डॉ रजनी शर्मा चंदा ने किया। डॉ सुरेंद्र कौर नीलम ने अपने रचना में कहा कि किस्मत से मिलती है बेटियां.. तो नेहाल हुसैन सरैयावी ने अपने रचना में -बेटी होना पाप नहीं है, बेटी है अभिशाप नहीं है। बेटी पश्चाताप नहीं है की प्रस्तुति दी। स्वागत उद्बोधन एवं सरस्वती वंदना सदानंद सिंह यादव ने किया।कार्यक्रम में उदय कुमार बरनवाल, सूरज श्रीवास्तव, मीरा सिंह, सुखेंद्र यादव स्वदेशी, रुणा रश्मि दीप्त, संतोष समर, प्रणव प्रियदर्शी, रंजना वर्मा उन्मुक्त, विभा वर्मा वाची, सचिन शर्मा, पुष्पा सहाय गिन्नी, प्रियंका कुमारी, दीपक राम, संध्या चौधरी उर्वशी, मनोहर कुमार पाठक,सुकुमार झा, कामेश्वर सिंह कामेश, जीशान अल्तमस, ,अमरेश कुमार ,संगीता यादव, सोनल थेपड़ा, ए के पाठक,रिम्मी वर्मा,चंचल झा आदि कवियों ने अपने प्रस्तुति देकर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। धन्यवाद ज्ञापन संगीता यादव ने किया।

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